Friday, May 17 2024

इसरो ने बढ़ाया है हर भारतीय का मान , तिरंगा लहरा कर चंद्रमा पर पहुँचाया चंद्रयान

FIRSTLOOK BIHAR 18:55 PM बिहार

मुजफ्फरपुर : शहर के नवयुवक समिति सभागार में नटवर साहित्य परिषद की ओर से मासिक कवि गोष्ठी सह मुशायरा का आयोजन किया गया । कवि गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि सत्येन्द्र कुमार सत्येन , मंच संचालन वरिष्ठ गीतकार डॉ. विजय शंकर मिश्र , स्वागत भाषण नटवर साहित्य परिषद के संयोजक डॉ.नर्मदेश्वर प्रसाद चौधरी व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. लोकनाथ मिश्र ने किया ।

कवि गोष्ठी की शुरुआत उत्तर छायावाद के कवि आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री जी के गीत से किया गया । इसके बाद शायर व कवि डॉ.नर्मदेश्वर मुजफ्फरपुरी ने - इसरो ने बढ़ाया है हर भारतीय का मान , तिरंगा लहरा कर चंद्रमा पर पहुँचाया चंद्रयान सुनाकर भरपूर तालियां बटोरी । वरिष्ठ शायर रामउचित पासवान ने - चले क्यों आज आँखें फेर बन बेगाना साहब जी , खता क्या हो गई ऐसी जरा बतलाना साहब जी सुनाकर भरपूर दाद बटोरी । प्रो. डॉ. पुष्पा गुप्ता ने - ओ भैया तेरा अभिनंदन , आया है शुभ रक्षाबंधन सुनाकर तालियां बटोरी । वरिष्ठ कवि डॉ विजय शंकर मिश्र ने - हृदय शिवालय प्रेम देवता , निष्काम कर्म है पूजा - वंदन सुनाकर तालियां बटोरी । डॉ लोकनाथ मिश्र ने - आज देखा है मैंने स्वयं को , पाया है मैंने अपने मन को सुनाकर भरपूर दाद बटोरी ।

आखिर क्यों हमारी रचना आम नहीं खास होकर रह गई है

युवा कवि सुमन कुमार मिश्र ने - आखिर क्यों हमारी रचना आम नहीं खास बनकर रह गई है , श्रोताओं और पाठकों की मोहताज बनकर रह गई है सुनाकर तालियां बटोरी । भोजपुरी के वरिष्ठ कवि सत्येन्द्र कुमार सत्येन ने - धीरे-धीरे अइली बदरिया , उतरी असमनवां में हो सुनाकर तालियां बटोरी । वरिष्ठ शायर डॉ सिबगतुल्लाह हमीदी ने - इस ताजमहल से हसीं पैकर भी बनेगा , जिसने बनाया उसका हुनर आखिरी नहीं सुनाकर तालियां बटोरी । ओम प्रकाश गुप्ता ने - भाव पिरोता हूं शब्दों में , गीत नहीं कोई गान नहीं सुनाकर तालियां बटोरी । उदय शंकर प्रसाद ने - दो वक्त की रोटी हम बना कहां पाते हैं सुनाकर तालियां बटोरी । विजय शंकर प्रसाद ने - इश्क की सलाह पर खामोश गवाह , किसे होता रहा मलाल? सुनाकर तालियां बटोरी । डॉ शैल केजरीवाल ने - रंगीनियत - रूमानियत को ताख पर धर दीजिए सुनाकर तालियां बटोरी। रामवृक्ष राम चकपुरी ने - चांद पर यान थ्री उतरने का बड़ा सपना भारत का साकार हो गया । डॉ जगदीश शर्मा ने - बढ़ती आबादी का समाधान, खोज देश ने अब लिया है सुनाकर तालियां बटोरी । दीनबंधु आजाद ने - कुछ भी करने से , ये दुनिया हैरान क्यों है सुनाकर तालियां बटोरी । अरुण कुमार तुलसी ने - अतीत के मर्म स्थल से वर्तमान के पटल पर सुनाकर तालियां बटोरी । अंजनी कुमार पाठक ने - जबसे मिली मुझको तुमसे नजर , जी चाहता बना लू तुझे हमसफ़र सुनाकर तालियां बटोरी । इसके अलावा कवयित्री हेमा सिंह , रणवीर अभिमन्यु , सुश्री मुन्नी चौधरी , सुरेन्द्र कुमार, अजय कुमार , संतोष कुमार आदि कवियों की भी रचनाएं काफी सराही गई ।

--- नर्मदेश्वर प्रसाद चौधरी
9334115649

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