Thursday, July 04 2024

खुलेंगे 157 नये मेडिकल कॉलेज

FIRSTLOOK BIHAR 23:52 PM खास खबर

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने आज लोक सभा मे कहा कि ऐसे जिलों में जहां कोई मेडिकल कॉलेज नहीं है, जिला अस्पतालओं के उन्नयन के द्वारा मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय “मौजूदा जिला/रेफरल अस्पतालों से संबद्ध नए मेडिकल कॉलेजों की प्रतिस्थापना” के लिए एक केंद्रीय प्रायोजित योजना चलाता है। इस योजना के तीन चरणों के तहत कुल 157 मेडिकल कॉलेजों का अनुमोदन किया गया है।

इसके साथ-साथ मेडिकल कॉलेजों का निर्माण, राज्यों की कॉलेजों का प्रचालन सुनिश्चित करने के लिए निधि का उपयोग और उसकी योजना के संबंध में प्रगति की निगरानी करने के लिए नियमति अंतरालों पर संबंधित राज्यों के साथ बैठकों का आयोजन किया जाता है। इन कॉलेजों को खोलने के लिए निर्धारित निधि के साथ 157 कॉलेजों का राज्यवार विवरण अनुलग्नक-I पर उपलब्ध है। इसके अलावा, देश में मेडिकल सीटों की संख्या में वृद्धि करने के लिए केंद्र सरकार ने विभिन्न कदम उठाएं हैं जिन्में निम्नलिखित सम्मिलित हैं:

केंद्र प्रायोजित स्कीम एमबीबीएस और स्नातकोत्तर सीटों में वृद्धि करने के लिए वर्तमान राज्य सरकार ,केंद्र, सरकारी मेडिकल कॉलेजों को सुदृढ़/उन्नत करना।

भूमि, संकाय, स्टाफ, बिस्तरों की संख्या, उपकरण और अन्य अवसंरचना के संबंध में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए अपेक्षित न्यूनतम मानदंड़।

एमबीबीएस स्तर पर अधिकतम प्रवेश क्षमता 150 से बढ़ाकर 250 करना।

संकाय की कमी को दूर करने के लिए संगत एमडी/एमएस तथा डीएम/एमसीएच के समान डीएनबी अर्हता निर्धारित की गई है।

मेडिकल कॉलेजों में अध्यापकों/डीन/प्रिंसिपल/निदेशक के पदों पर नियुक्ति/विस्तार/पुनर्रोजगार हेतु आयु-सीमा 70 वर्ष तक बढ़ाना।

पीजी सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षक-छात्र अनुपात को परिवर्तित किया गया है।

विनियमों में संशोधन करके, सभी मेडिकल कॉलेजों के लिए यह अनिवार्य बनाया गया है कि वह अपने एमबीबीएस पाठ्यक्रम की मान्यता/मान्यता के जारी रहने की तारीख से तीन वर्षों की अवधि के अंदर स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ करें।

viii. कॉलेजों को चौथे नवीकरण के समय नैदानिक विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन करने की अनुमति है।

इससे एक वर्ष से अधिक समय में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की प्रक्रिया में उन्नति होगी। मानव संसाधन के दुरुपयोग को रोकने के लिए यदि मेडिकल कॉलेज आवेदित भर्ती की न्यूनतम निर्धारित अपेक्षाओं की पूर्ति नहीं करता है तो आवेदक मेडिकल कॉलेज को सीटों की कम संख्या देने हेतु विनियमों में प्रावधान किया गया है ताकि मानव संसाधन व्यर्थ न हो। एक संघ (2 अथवा 4 निजी संगठनों के समूह) को मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की अनुमति दी गई है।

पीपीपी मोड में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए व्यवहार्यता अंतर निधियन योजना शुरू की गई है। भारतीय चिकित्सा परिषद के पूर्व शासी बोर्ड ने केंद्रीय सरकार के पूर्व अनुमोदन से स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा विनियम, 2000 में यह प्रावधान करने के लिए संशोधन किया था कि एमबीबीएस अर्हता को मान्यता प्रदान करने के तीन वर्ष के भीतर मेडिकल कॉलेजों/मेडिकल संस्थाओं को स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा पाठ्यक्रम शुरू करना होगा।

अनुलग्नक-I

देश में पीजी सीटों के साथ मेडिकल कॉलेजों की संख्या

क्र. सं. राज्य मेडिकल कॉलेजों की संख्या कुल पीजी सीटों की संख्या

1 आंध्र प्रदेश 31 2371

2 अंडमान और निकोबार द्वीप समूह 1 0

3 असम 8 715

4 अरुणाचल प्रदेश 1 0

5 बिहार 18 856

6 चंडीगढ़ 1 557

7 छत्तीसगढ़ 10 206

8 दादरा और नगर हवेली 1 0

9 दिल्ली 10 2715

10 गोवा 1 119

11 गुजरात 30 2127

12 हरियाणा 12 554

13 हिमाचल प्रदेश 7 318

14 जम्मू और कश्मीर 9 568

15 झारखंड 8 227

16 कर्नाटक 61 5379

17 केरल 31 1587

18 मध्य प्रदेश 23 1548

19 महाराष्ट्र 60 4922

20 मणिपुर 2 210

21 मेघालय 1 35

22 मिजोरम 1 0

23 नागालैंड 0 0

24 ओडिशा 12 852

25 पांडिचेरी 9 817

26 पंजाब 11 734

27 राजस्थान 24 1841

28 सिक्किम 1 22

29 तमिलनाडु 53 4255

30 तेलंगाना 34 2237

31 त्रिपुरा 2 84

32 उत्तर प्रदेश 57 2836

33 उत्तराखंड 6 1732

34 पश्चिम बंगाल 26 1758

कुल 562 42182

उपर्युक्त के अलावा देश में 9795 डीएनबी/एफएनबी सीटें तथा 2432 सीपीएस डिप्लोमा सीटें उपलब्ध हैं।

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