पटना : नीतीश कुमार ने जदयू प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर विधायक उमेश कुशवाहा की ताजपोशी कर दी है. वशिष्ठ नारायण सिंह प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी छोड़़ने के लिए पहले से ही तैयार थे. यह बात पहले ही साफ हो चुकी थी. उमेश कुशवाहा महनार से जदयू के विधायक हैं . उनके ऊपर हत्या के एक मामले में थाने में केस भी दर्ज हुआ था. उमेश कुशवाहा की वजह से पहले भी पार्टी की भारी फजीहत हो चुकी है.
वर्ष 2018 में वैशाली के जंदाहा प्रखंड प्रमुख मनीष सहनी की हत्या कर दी गयी थी. जिस मामले में उमेश कुशवाहा सहित 11 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गयी थी . मनीष सहनी की हत्या के बाद जमकर बवाल हुआ था तब केंद्रीय मंत्री रहते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने इस मामले को लेकर नीतीश सरकार की जमकर घेराबंदी की थी.
बताया जाता है कि वर्ष 2018 में 13 अगस्त को प्रखंड प्रमुख मनीष सहनी बीडीओ से मुलाकात करने के लिए गए थे. उनसे मिलने के बाद जब वह कार्यालय से निकल रहे थे उसी समय दो अपराधियों ने उन पर गोलियां चलाई . जिसमें मनीष सहनी गंभीर रूप से घायल हो गये और उनकी मौत हो गयी. हत्या से 10 दिन पहले ही मनीष सहनी प्रखंड प्रमुख का चुनाव जीते थे.मनीष के बड़े भाई ओम प्रकाश सहनी ने जंदाहा थाने में आवेदन देकर विधायक उमेश कुशवाहा समेत 11 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई. लेकिन बाद में इस मामले से उमेश कुशवाहा मुक्त कर दिए गए. विधानसभा
चुनाव के दौरान उमेश कुशवाहा ने जो शपथ पत्र दिया है, उसके अनुसार उन्हें इस मामले से बरी कर दिया गया है. केस के आइओ ने चुनाव के वक्त तक रिपोर्ट नहीं सौंपी थी. लेकिन उमेश कुशवाहा ने हलफनामे में बताया था कि उनके खिलाफ कोई भी आरोप पत्र आइओ द्वारा समर्पित नहीं किया गया है ,जबकि केस का अनुसंधान पूरा किया जा चुका है. कुशवाहा के हलफनामे के मुताबिक न्यायालय द्वारा भी उनके खिलाफ कोई संज्ञान नहीं लिया गया है.