सीतामढ़ी : सीतामढ़ी जिलाधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा ने कहा कि गर्मी के महीनों में अग्निकांडो में वृद्धि हो जाती है। थोड़ी सी चूक से अग्नि कांड होने की संभावना बनी रहती है और जानमाल की क्षति होती है।उन्होंने कहा कि हाल फिलहाल में ऐसी कई घटनाएं प्रकाश में आई है। ऐसे में आम लोगों को सचेत रहने खेत, खलिहान एवं घरों में अग्नि सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिले में अभी 17 अग्निशमन वाहन उपलब्ध है, जिसमें 11 नई तकनीक से युक्त है। उन्होंने कहा कि सावधानी ही बचाव या सुरक्षा है।
डीएम ने कहा कि खलिहान को हमेशा गांवों की आबादी एवं फसलों से भी दूर खुले स्थान पर लगाएं।
थ्रेसर का उपयोग करते समय डीजल इंजन या ट्रैक्टर के साइलेंसर को लंबे पाइप के द्वारा ऊंचाई पर रखें ।
थ्रेसर के उपयोग करते समय पास में कम से कम 200 लीटर पानी भरकर अवश्य रखें। खलिहान के आसपास छोटी-छोटी बाल्टियों में बालू भरकर रखें ।
रोशनी के लिए सोलर लैंप, टॉर्च, इमरजेंसी लाइट इत्यादि बैटरी वाले यंत्र का ही प्रयोग करें।
एक खलिहान से दूसरे खलिहान की दूरी 20 फीट से कम ना रखें ।
खलिहान वैसे जगह लगाएं जहां अग्निशमन वाहन आसानी से पहुंच सके।
खलिहान वैसी जगह हो जहां जल स्रोत नजदीक हो ,जैसे नदी, तालाब , पैन , बोरिंग ।
खलिहान में कच्ची फसलों का बड़ा टाल ना लगाया जाए। खलिहान के आसपास अलाव ना जलाएं, यदि बहुत आवश्यक हो तो पानी भरी बाल्टी अवश्य पास में रखें।
बिजली की नंगी तारों के नीचे खलिहान नहीं बनाया जाए।
खलिहान में पूजा में उपयोग किए जाने वाले वस्तु यथा अगरबत्ती , धूप ,दीपक इत्यादि पर नजर रखें , जब तक कि वह पूरी तरह बुझ न जाए।
खलिहान के आसपास किसी भी उत्सव के दौरान आतिशबाजी का प्रयोग ना तो स्वयं करें नहीं दूसरे को करने दें।
बांस के खंबे के द्वारा नंगे बिजली के तार खेतों में ना रखें। खेतों के आसपास बीड़ी सिगरेट आदि ना पिए तथा ना ही किसी को पीने दे ।
कटनी के बाद खेत में छोड़े डंठलों में आग ना लगाएं।
रसोईघर को यथासंभव अग्नि रोधक बनाने के लिए उसे चारों तरफ गीली मिट्टी का लेप लगा दे। फूस के घरों में भी मिट्टी का लेप लगाएं।
देहाती क्षेत्रों में खासकर फूस एवं खपरैल मकानों के निवासी खाना सुबह 8:00 बजे से पहले और शाम 5:00 से 6:00 के बीच (सूर्यास्त से पूर्व) बना लें।
दीप, लालटेन, ढिबरी आदि के प्रयोग में सावधानी बरतें ।
रसोई में कोई भी ज्वलनशील पदार्थ ना रखें जैसे मिट्टी तेल, सिंथेटिक कपड़े इत्यादि।
ढीले और सिंथेटिक कपड़े ना पहने और बालों को खुला न रखें।
रसोईघर से बच्चों को दूर रखें। तेज हवा में खुली जगह पर खाना ना बनाएं यदि संभव हो तो चूल्हे को चारों तरफ से घेर कर रखें ।
किसी भी जलते पदार्थ को बुझा कर ही सोएं।
घर में हमेशा अग्निशामक पदार्थ जैसे कि पानी , बालू, सूखी मिट्टी , धूल इत्यादि जमा कर रखें।
हरे पेड़ जैसे केला में अग्नि ताप को कम करने की क्षमता होती है अतः इसे अपने घर के चारों ओर लगाएं ।
सभी लोगों को प्राथमिक उपचार की जानकारी होनी चाहिए सभी लोग आपातकालीन सेवा का फोन नंबर 101 अपने पास अवश्य रखें ।
जलती हुई बीड़ी सिगरेट और माचिस की काठी के खेत खलियान में ना फेंके।
आग बुझाने के लिए पानी, बालू और सुखी मिटटी, धूल का प्रयोग करें।
अग्निकांडो की सूचना शीघ्र अति शीघ्र अग्निशमन पदाधिकारी तक शीघ्र पहुंचाएं ताकि अग्निशमन वाहनों को त्वरित कार्रवाई हेतु भेजा जा सके।
अग्निशमन पदाधिकारी का संपर्क नंबर इस प्रकार है-
सुरेंद्र राम ,थाना बेलसंड, 977164 8179 ,
74858 05846,
74858 05847
पुरुषोत्तम, पुपरी थाना,
9472300141,
7485805848,
7485805849
राम कुमार राम, सीतामढ़ी सदर, 9430889136,
7485805844,
7485805845,
6226250001
सुजीत प्रसाद, डुमरा थाना 7766093900
रोशन कुमार सिंह ,रुन्नीसैदपुर थाना,
9097612550
पंकज कुमार, पुपरी थाना,
9199157202
विकास कुमार सिंह, रीगा थाना, 8051261782
बबलू कुमार, बथनाहा थाना, 9097104124
बबलू कुमार यादव, सोनबरसा थाना ,
9709377874
संतोष कुमार चौधरी, बेला थाना, 8825152288
रिंकू कुमार ,कन्हौली थाना, 9798996070,
मिथुन कुमार ,परिहार थाना, 8651182829