पशुपति पारस ने मीडिया के सामने किया खुलासा
पूर्व केंद्रीय मंत्री व लोजपा के संस्थापक स्व रामविलास पासवान के भाई व केंद्र सरकार के मंत्री पशुपति पारस ने मीडिया के सामने खुलासा किया कि लोजपा में चिराग पासवान से अलग हटकर गुट बनाने में जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह ने उनकी मदद की थी। मीडिया के साथ बात करते हुए पशुपति ने पार्टी से चिराग को अलग हटाने में ललन सिंह ने हमारा सहयोग किया। पशुपति ने इस बात से साफ इनकार कर दिया कि चिराग पासवान के साथ कोई समझौते की उम्मीद है। केंद्र में मंत्री बनने में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के योगदान के बारे में पूछे गये सवाल के जबाब में पशुपति ने कहा कि नीतीश कुमार से मेरे रिश्ते हमेशा अच्छे रहे हैं। वो भी एनडीए के साथ हैं और हम भी साथ हैं। उन्होंने भी सहयोग किया। सबकी सहमती से ही मुझे मंत्री बनाया गया है।
जातिगत जनगणना पर नीतीश के साथ होने पर दिया गोल-मटोल जबाब और कहा, मैं केंद्र में मंत्री भी हूं।
जातिगत जनगणना को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में नीतीश कुमार के साथ होने के सवाल पर गोल - मटोल जबाब देते हुए कहा कि मैं किसी के साथ भी नहीं हूं और किसी के विरोध में भी नहीं हूं , लेकिन गठबंधन का जो फैसला होगा मैं उसके साथ रहूंगा। पारस ने यह भी कहा कि मैं भारत सरकार में मंत्री भी हूं , सरकार का जो फैसला होगा मैं उसके साथ हूं। आम सहमति के साथ जो फैसला लिया जाएगा मैं सबके साथ रहूँगा।
चिराग ने रामविलास पासवान को भी अध्यक्ष पद से हटा दिया था
अपने भतीजे व जमुई के सांसद चिराग पासवान पर पशुपति ने जमकर हमला बोला। चिराग पासवान पर हमला बोलते हुए पशुपति ने
कहा कि चिराग ने अपने पिता रामविलास पासवान को अध्यक्ष पद से हटा दिया था। उन्होंने कहा कि वो मुझे अपना चाचा मानने से भी इनकार करते रहे हैं। अब कुछ भी हो जाए चिराग के साथ कभी नहीं आ सकते हैं।
हाजीपुर की 90 प्रतिशत जनता हमारे साथ
पशुपति पारस ने कहा कि हाजीपुर की 90 प्रतिशत जनता मेरे साथ है। चिराग पासवान को मेरे स्वागत में उमड़ी भीड़ को देखकर समझ आ गया होगा। स्याही फेंकने पर पशुपति पारस ने कहा कि आप इतिहास देखें जिस दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव था उस दिन भी इस तरह की घटना हुई थी। ये पेशेवर लोग हैं जो पैसों के लिए यह सब करते रहे हैं। मैंने रामविलास जी के कहने पर हाजीपुर से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।