गैप एनालिसिस का प्रतिदिन हो असेसमेंट
मुजफ्फरपुर : जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में बुधवार को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ उमेश चंद्र मिश्रा ने की। बैठक में सदर अस्पताल स्थित अनेक विभागों के कर्मियों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के बारे में जानकारी देते हुए प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान जिला कार्यक्रम प्रबंधक रेहान अशरफ ने एनक्यूएएस के विभिन्न पहलुओं पर पीपीटी के माध्यम से विस्तार से चर्चा की साथ ही कार्मिकों को कार्य आवंटित किए गए ताकि आने वाले समय में सदर अस्पताल को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक का प्रमाण पत्र प्राप्त हो सके।
मौके पर सिविल सर्जन ने कहा कि अगर अपने व्यवहार में हम सकारात्मक परिवर्तन लाएं तो स्वास्थ्य गुणवत्ता के साथ हॉस्पीटैलिटी में भी परिवर्तन संभव है। प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए 70 प्रतिशत लाना अनिवार्य होता है, जबकि डीपीएम ने इसे 90 प्रतिशत करने का आश्वासन दिया। जिला अस्पताल के फार्मेसी, स्टोर रूम, लैब रुम, मेटरनिटी विंग सहित कुल आठ क्षेत्र राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत आते हैं।
राज्य प्रतिनिधि ने किया निरीक्षण:
राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक पर दो दिवसीय दौरे पर आए राज्य प्रतिनिधि डॉ एसके शाही ने निरीक्षण के दौरान एनक्यूएएस की कमियां चेक लिस्ट के हिसाब से गैप एनालिसिस किया। क्वालिटी सर्किल कमेटी के साथ बैठक में उन्होंने कहा कि रूट कॉज कर एक्शन प्लान बनाएं। जिनमें जिम्मेदार व्यक्ति के साथ एक्शन प्लान बनाना जरूरी है एवं उसी एक्शन प्लान के अनुरूप प्रतिदिन गैप को लेकर उसे पूरा करना भी इंचार्ज की जिम्मेदारी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने दिया था निर्देश:
कुछ दिन पहले एक वीसी के दौरान उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने चार बिंदुओ पर काम करने को कहा था जिसमें, एक दिन का एनक्यूएएस वर्कशॉप, क्वालिटी सेंटर टीम का गठन, गैप एनालिसिस और एक्शन प्लान बनाकर उसे सबमिट करना था। मौके पर सिविल सर्जन डॉ यूसी मिश्रा, राज्य प्रतिनिधि डॉ एके शाही, डीपीएम रेहान अशरफ, डॉ सीके दास, केयर के ब्रजेन्द्र सिंह, नसीरुल होदा, जपाइगो से राजाराम पांडे, पिरामल से राजीव कुमार सिंह, अस्पताल के हेल्थ मैनेजर सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।