मुजफ्फरपुर : होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर के द्वारा 10 दिवसीय पैलिएटिव केयर के कार्यशाला का आज समापन किया गया। जिसमें 3 दिन कॉन्फ्रेंस और 7 दिन हैंड्स ऑन कराई गई।
यह कार्यक्रम पेलिएटिव केयर को बिहार के जिलों में मजबूत करने के लिए किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में बिहार के 6 जिलों के डॉक्टरों और नर्सों को पैलिएटिव केयर की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह जिला है मुजफ्फरपुर, पटना, भागलपुर, नालंदा, सिवान और बेगूसराय।
होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर बिहार में पैलिएटिव केयर सर्विस को मजबूत करने के लिए बिहार स्वास्थ्य विभाग, इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैलिएटिव केयर के साथ मिलकर होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र, मुजफ्फरपुर में कार्यशाला का आयोजन की गई।
जिसमें होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर ने पैलिएटिव केयर पर काम करने वाले सरकारी संस्था, गैर सरकारी संस्था और बिहार सरकार के साथ मिलकर कार्यशाला किया गया।
डाॅ रविकांत ने कहा कि बिहार में पेलिएटिव केयर का भार ज्यादा है
समापन समारोह को संबोधित करते हुए होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर के प्रभारी डॉ रविकांत सिंह ने इस कार्यक्रम के उद्देश्य पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में हर साल करीब 1.40 लाख कैंसर के मरीज मिलते है जिसमें करीब 70% मरीज एडवांस स्टेज में मिलते है। इस कारण बिहार में पैलिएटिव केयर का भार ज्यादा है। उन्होंने बिहार सरकार साथ ही स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव, प्रत्यय अमृत ( अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग बिहार) को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके पहल से ये कार्यक्रम अभी 6 जिलों में शुरू की गई। आगे चरणबद्ध तरीकों से बिहार के अन्य 32 जिलों में भी इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में होनी चाहिए व्यवस्था
इस कार्यक्रम के सपामन समारोह पर एसएसबी के डीआईजी के. रंजीत ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए इसकी न्यूनतम इकाई यानी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में इसकी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे समाज के सारे लोगों को लाभ मिल सकेगा। जबतक हम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को मजबूत नहीं कर लेते तो चिकित्सा के क्षेत्र में ज्यादा विकास नहीं कर पाएंगे।
छोटी - छोटी चीजें भी हो सकती है मददगार
इसी बात को आगे बढ़ाते हुए एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ बाबू साहेब झा ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था को बदलने के लिए छोटी छोटी बातें भी बहुत मददगार साबित हो सकती है। जैसे कि अगर हम अस्पतालों में सफाई, बिजली और काउंसलिंग जैसी चीजें भी स्वास्थ्य व्यवस्था में बदलाव ला सकते हैं। पेलिएटिव के लिए हमने एसकेएमसीएच में 20 बेड आरक्षित कर दिया है जहां मार्फिन जैसी दवा भी उपलब्ध कराई जायेगी।
बिहार के सभी जिलों में होगा यह कार्य
इस कार्यक्रम के समापन पर होमी भाभा कैंसर अस्पताल मुजफ्फरपुर के कार्यकारी प्रभारी डॉ रविकांत सिंह ने कहा कि यह कार्य अब बिहार के 6 जिलों में की जा रही है इसे आगे बढ़ाकर बिहार के हर जिले में किया जाएगा। अब तो पैलिएटिव केयर में एमडी की भी पढ़ाई होने लगी है, जिसकी बिहार राज्य को सबसे ज्यादा जरूरत है।
उन्होंने पैलिएटिव केयर के विभिन्न आयामों को लेकर बात रखी और कैसे राज्य स्तर पर इसकी शुरुआत कर सकते है।
इस कार्यशाला में बिहार सरकार के तरफ से 6 जिलों से 12 डॉक्टर और 24 नर्स भाग लिया।