मुजफ्फरपुर : अपराधियों के भय से बचाव के लिए लोग पुलिस का सहारा लेते हैं. किसी तरह की घटना घटने पर पुलिस के यहां न्याय की गुहार लगाते हैं. लेकिन पुलिस ही अपराधियों की भूमिका में आकर गुहार लगाने वाले को ही लूट लें तो फिर लोग क्या करेंगे, किससे न्याय की उम्मीद लगायेंगे. पुलिस की इसी तरह की कुछ प्रवृत्तियों को लेकर अब पुलिस पर से लोगों का विश्वास उठता जा रहा है.
महिला दारोगा ने किया अपराधियों जैसा व्यवहार
पुलिस का अपराधियों जैसा व्यवहार करने का एक मामला फिर से मुजफ्फरपुर में सामने आया है, उसमें भी एक महिला दारोगा के द्वारा . मुजफ्फरपुर के सदर थाना में पदस्थापित महिला दारोगा पर जो शिकायत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुंची है. उसमें आभूषण चोरी होने पर गुहार लगाने वाली महिला से ही महिला दारोगा अपने दलाल से 42 सौ रुपए छिनवाकर ले लेती है. रुपए छिनने से पहले महिला दारोगा पहले डराती धमकाती है. जेल भेजने की धमकी देती है. इससे भी बात नहीं बनने पर गुहार लगाने वाले को कालर पकर कर दुकान में बंद कर देती है. जब अपने दलाल के माध्यम से गुहार कर्ता के पास बचे 42 सो रुपए छिन लेती है तो फिर उसे मुक्त कर देती है.
पहले थाना से लेकर आईजी तक लगाई गुहार, फिर सीएम के हाथ में दी आवेदन
चोरों का शिकार बनी प्रियंका देवी का भाई करजा थाना क्षेत्र के बहोरा गांव निवासी इस संबंध में सदर थाना पुलिस से लेकर नगर डीएसपी, एस एसपी व आईजी तक से लिखित शिकायत की.लेकिन कोई न्याय नहीं मिल सका. जबकि यह घटना पिछले 25 जनवरी को ही घटी थी. प्रियंका खुद मुख्यमंत्री के समाधान यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आवेदन देकर गुहार लगाई. मुख्यमंत्री से गुहार लगाने के बाद एक बार फिर नगर डीएसपी को जांच की जिम्मेदारी मिली तो वे रौशन को फोन कर शुक्रवार को अपने कार्यालय बुलाये और फिर से पीड़ित का बयान दर्ज किया.
न्याय नहीं मिलने पर हाई कोर्ट जाने की तैयारी
रौशन भी हार मानने को तैयार नहीं है. वह न्याय नहीं मिलने पर फिर से डीजीपी और मुख्यमंंत्री से गुहार लगाने के साथ कोर्ट जाने को तैयार है.