Sunday, May 18 2025

खेल के नियमों के आधार पर खेल में लड़कियों को किया जाता है शामिल: रजनी

FIRSTLOOK BIHAR 22:39 PM बिहार

पटना : समाज द्वारा बनाए गए लिंग भेद (जेंडर) के ढांचे में ढली छोटी उम्र की लड़कियां भी खेल का नाम सुनते ही समाज के द्वारा सुनाई गई आदर्श महिला की तरह व्यवहार करने लगती है कई बार उन्हें ऐसा व्यवहार करने के लिए मजबूर भी किया जाता है उक्त बातें सहयोगी संस्था की रजनी ने महिला दिवस के अवसर पर आयोजित किशोरियों द्वारा आयोजित फुटबॉल मैच प्रतियोगिता के आयोजन के दौरान कही



उन्होंने यह भी कहा कि मैच की शुरुआत में दोनों टीम की खिलाड़ियों को दक्षिण की फ़िल्म बिगिल के बारे में बिस्तार पूर्वक बताया गया कि कैसे हजारों मुश्किलों के बावजूद भी खेलने का जज्बा लड़कियां रखती हैं और खेल के प्रति अपनी क्षमता का उत्कृष्ट प्रदर्शन करती है



हालांकि खेल के मैदान में अभी भी लैंगिक समानता हावी रहता है इसी सोच को बदलने के लिए क्रिया के सहयोग से सहयोगी संस्था द्वारा किशोरियों के साथ महिला दिवस के अवसर पर फुटबॉल मैच का आयोजन किया गया है बिहटा प्रखंड अंतर्गत पैनल गांव के खेल मैदान में आयोजित स्थानीय प्रखंड एवं दानापुर प्रखंड की टीम ने भाग लिया है

खेल के अनुसार होता है पहनावा, व्यवहार और गतिविधियां

उन्होंने यह भी कहा कि जब कभी भी खेल को लड़कियों के संदर्भ में देखती हूं तो यह लगता है कि लड़कियों का खेलना जैसे सीधे तौर पर समाज की संकीर्ण पितृसत्तात्मक सोच को चुनौती देने के बराबर होता है क्योंकि खेल में लड़कियां समाज की नहीं बल्कि खेल के नियम पर चलती हैं उनका पहनावा, व्यवहार और गतिविधि सब कुछ खेल के अनुसार होती है उन पर न तो इज़्ज़त का बोझ होता है और ना हारने का डर होता है

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