मुजफ्फरपुर : भाजपा नेत्री डा. ममता रानी के नगर विधानसभा क्षेत्र से दावेदारी के बाद नगर भाजपा में खलबली है। भले ही उनकी दावेदारी को लेकर फिलहाल किसी तरह का मुखर विरोध सामने नहीं आया है लेकिन जिन लोगों ने अपनी निगाहें मुजफ्फरपुर नगर विधानसभा पर टिका राखी है उन्हें यह ऐलान अवश्य ही परेशान करने लगा है । सूत्र बताते हैं कि इस हो में शामिल कई नेता जनसंपर्क भी चलाने लगे हैं । जहां तक महिला भाजपा नेत्री डॉ ममता रानी का सवाल है इस शहर के लिए बड़ा ही चर्चित और पहचाना हुआ नाम है। चाहे राजनीतिक जगत हो, सामाजिक, सांस्कृतिक, अथवा शैक्षणिक जगत। डॉ रानी की विशिष्ट पहचान मानी जाती है। क्योंकि एक ओर उन्होंने भाजपा महिला मोर्चा में राष्ट्रीय कमेटी में स्थान हासिल कर पार्टी स्तर पर केंद्रीय पहचान हासिल किया है । राष्ट्रीय सेवा योजना में रहते हुए सामाजिक स्तर पर अपनी बुनियादें मजबूत की। एक कवयित्री के रूप में सांस्कृतिक जगत में वह पहचान की मोहताज नहीं है। जबकि अंग्रेजी की शिक्षिका से लेकर एमडीडीएम, एमएसकेबी और आरबीबीएम कॉलेज की प्राचार्य के रूप में उन्होंने उपलब्धियों का जो अंबार खड़ा किया है उससे उनके व्यक्तित्व को स्थिरता हासिल हुई है। पार्टी की राष्ट्रीय नेत्री के रूप में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में प्रचार प्रसार की जिम्मेवारियों का सफल निर्वाह किया है।
प्रधानमंत्री की सभा के सफल संचालन से केंद्रीय नेतृत्व की नजर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा के सफल संचालन के बाद केंद्रीय नेतृत्व की उन पर नजर है। दूसरी ओर नगर विधानसभा क्षेत्र में पिछली बार भाजपा यह सीट गवां चुकी है और निश्चय ही केंद्रीय नेतृत्व इस सीट को हासिल करने के लिए किसी नए चेहरे के तलाश में है । जहां तक नगर विधानसभा क्षेत्र का सवाल है, अब तक के राजनीतिक इतिहास में भाजपा ने इस सीट से महिला को नेतृत्व का अवसर ही नहीं दिया है । लेकिन महिला आरक्षण बिल की हिमायती रही भाजपा ने ऐसे संकेत दिए हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी महिला नेतृत्व पर भी पत्ता खेल सकती है। ऐसे में अगर भाजपा नेत्री डॉ ममता रानी अपनी दावेदारी पर अडिग रहती है तो इसमें संदेह नहीं कि केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष उनकी चुनौती धारदार होगी, जो कहीं न कहीं उन्हें नगर भाजपा के अन्य दावेदारों के लिए रोड़ा साबित करेगा और येन केन प्रकारेण उनकी दावेदारी पर ग्रहण लगने की कवायद भी की जाएगी । भाजपा सूत्रों की जानकारी के अनुसार फिलहाल नगर विधानसभा सीट पर बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरीय नेता सुरेश शर्मा की नजर है । जिन्होंने पिछली हार के बाद भी इस सीट से खुद को जोड़ कर रखा है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि वह अपने पुत्र संजीव शर्मा के लिए भी यहां से सिंबल चाहते हैं। वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष रंजन कुमार भी नगर विधानसभा क्षेत्र से अपनी दावेदारी के प्रति आश्वस्त बताये जा रहे हैं । नगर की मेयर निर्मला साहू भी पार्टी प्रत्याशी बनने की होड़ में शामिल हैं। प्रदेेश मंत्री राजेश वर्मा भी मजबूत दावेदार मानेंजा रहे हैं। यदि वैश्य कार्ड खेलने की बात आई तो पूर्व उप मेयर विवेक कुमार का नाम सबसे पहले आ सकता है। इनके अलावे भी कई और चेहरे हैं जो अंदरूनी खाने केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष अपनी दावेदारी के लिए चक्कर लगा रहे हैं ।
ममता की दावेदारी के बाद कशमकश का माहौल
बहरहाल डॉ ममता रानी की दावेदारी के बाद अभी से ही नगर विधानसभा क्षेत्र से दावेदारों को लेकर कशमकश का माहौल बन गया है । ऐसे में रोचक होगा कि भावी विधानसभा चुनाव में केंद्रीय नेतृत्व नगर विधानसभा सीट से दावेदारी का नेतृत्व किसे सौंपती है। पार्टी महिला सशक्तिकरण को बल देती है या फिर से पुरुष प्रधानता के साथ ही किस्मत की आजमाइश करेगी।