मोतिहारी : होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केन्द्र (HBCHRC), मुजफ्फरपुर एवं महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय (MGCU), मोतिहारी ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण समझौता पत्र (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर HBCHRC के प्रभारी अधिकारी डॉ. रविकांत सिंह और MGCU के शोध एवं विकास प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. सुनील कुमार श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किए। यह समझौता केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव के देखरेख में संपन्न हुआ।
इस समझौता ज्ञापन के तहत दोनों संस्थाएँ बिहार में जीनोमिक प्रयोगशाला, पुस्तकालय और परामर्श के विभिन्न क्षेत्रों में नई पहल और संसाधनों के विकास के लिए संकल्पित हैं। इस समझौते का प्रमुख उद्देश्य HBCHRC के जीनोमिक लैब में कार्यरत जूनियर रिसर्च फेलो (JRF) को प्रति वर्ष महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय में पी-एच.डी. शोधकार्य हेतु शामिल करना है। इस वर्ष HBCHRC के दो JRF को महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी में पी-एच.डी. के लिए नामांकित किया जाएगा, और अगले वर्ष से इस संख्या को बढ़ाकर पाँच कर दिया जाएगा।
नवीनतम तकनीकों की जानकारी को व्यापक स्तर पर प्रसारित किया जा सकेगा
इस अवसर पर होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केन्द्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. रविकांत सिंह ने बताया कि HBCHRC का जीनोमिक लैब बिहार का एकमात्र लैब है, जहाँ जीनोमिक सीक्वेंसिंग की जाती है। यह लैब अत्याधुनिक तकनीकों और उपकरणों से सुसज्जित है, जो कैंसर की जीनोमिक्स में महत्वपूर्ण शोध और विश्लेषण की सुविधा प्रदान करता है। इस समझौते के माध्यम से, जीनोमिक लैब में किए जा रहे शोध और अनुसंधान को राज्य के शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझा किया जाएगा, जिससे ज्ञानवर्धन और नवीनतम तकनीकों की जानकारी को व्यापक स्तर पर प्रसारित किया जा सकेगा।
केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए अवसर
वहीं केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने कहा कि इस समझौते के अनुसार केन्द्रीय विश्वविद्यालय के छात्र भी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केन्द्र के जीनोमिक लैब में जाकर वहाँ के अनुसंधान और प्रयोगशाला की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इस सुविधा से केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों को अनुसंधान में नई दिशा और अवसर मिलेंगे, जो उनके शैक्षणिक और पेशेवर विकास के लिए लाभकारी साबित होंगे। इससे दोनों संस्थाओं के बीच अकादमिक क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा और नये शोध की संभावनाओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
बिहार में शिक्षा और स्वास्थ क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण कदम
शोध एवं विकास प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. सुनील कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यह समझौता बिहार के शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों संस्थाओं के बीच यह सहयोग न केवल शोध की गुणवत्ता को बढ़ाएगा, बल्कि भविष्य में चिकित्सा और बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नये अनुसंधानों और नवाचारों को भी प्रोत्साहित करेगा। इससे बिहार में जीनोमिक्स और कैंसर रिसर्च के क्षेत्र में नई संभावनाएँ खुलेंगी और छात्रों को उन्नत शिक्षा और अनुसंधान के अवसर प्राप्त होंगे।
समझौता से दोनों संस्थान के छात्रों को होगा लाभ
जनसंपर्क प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ. श्याम नन्दन ने बताया कि इस समझौते से दोनों संस्थाओं के छात्रों में नई क्षमताओं का विकास होगा और उनके शोध कार्य में नवाचार और गुणवत्ता में वृद्धि होगी। यह बिहार राज्य के विकास और उसकी शिक्षा प्रणाली को एक नई दिशा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर केंद्रीय विश्वविद्यालय में अकादमिक मामलों के निदेशक अवसर बृजेश पांडेय, मुख्य कुलानुशासक प्रो. प्रसून दत्त सिंह, विशेष कार्याधिकारी (प्रशासन) सच्चिदानंद सिंह और जनसंपर्क अधिकारी शेफालिका मिश्रा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।