मुजफ्फरपुर : बिहार से बिहारी ही रूठ गये हैं!किसीने रोटी की तलाश में बिहार को त्याग दिया है तो किसीने अपनी इज़्ज़त बचाने के लिए-ये बातेँ राम दयालु सिंह महाविद्यालय के सभागार में पारु प्रखंड के Dharfari निवासी और बिहार प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी रहे जानकी शरण सिन्हा की स्मृति में "बिहार की पीड़ा और निदान "विषय पर आयोजित संगोष्ठी में टी एम भागलपुर विश्वविद्यालय गांधी विचार wivag के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर विजय कुमार ने कही।कार्यक्रम का आयोजन Democratic Alliance of Teachers और Sai एजुकेशनल फाउंडेशन,मुजफ्फरपुर ने संयुक्त रूप से किया था।विकासः के गांधी माडल को नहीं अपनाना भारी भूल थी!उन्होंने कहा कि बिहार के गाँवों में आज उदासी है।सब कोई सरकारी मदद को अंतिम उपाय मानने को विवश हैं. कहने को तो पंचायती राज व्यवस्था है, लेकिन उन्हें नाम मात्र के अधिकार हैं. अतः एक दिन में निदान ढूंढना मुश्किल है.
बिहार आज भी संसाधनों से पूर्ण है लेकिन यहाँ की चीनी मिलें बंद हैं.
झारखंड अलग होने के स्थिति और भी बदतर होती चली गई
विषय प्रवेश कराते हुए डॉ विकास नारायण उपाध्याय ने कहा कि झारखंड अलग होने के बाद बिहार की स्थिति और भी बदतर होती चली गई. प्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक लछन देव प्रसाद सिंह ने कहा की गांधी ने लोकशाही को मज़बूत करने की बात कही थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका. अपने अध्यक्षीय संबोधन में पूर्व वरिष्ठ प्रशासनिक पदाधिकारी सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने बिहार को आगे बढ़ाने के लिए किसानों को और अधिक सुविधा देने की बात कही. उक्त अवसर पर जिला सर्वोदय मंडल मुजफ्फरपुर के पूर्व मंत्री रामेश्वर ठाकुर को समाज सेवा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए prasashti पत्र देकर सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम के प्रारंभ में सत्यम साई ने स्वर्गीय जानकी शरण सिन्हा के जीवनी पर प्रकाश डाला एवं अतिथियों का स्वागत किया. धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ अनीता सिंह ने किया. कार्यक्रम का संचालन democratic Alliance of Teachers के संस्थापक अध्यक्ष एवं पूर्व सेनेटर प्रो अरुण कुमार सिंह ने किया. कार्यक्रम में प्रो abujar kamaluddin, डॉ संजय पंकज, डॉ हरि किशोर प्रसाद सिंह, डॉ वंदना विजया लक्ष्मी, हरिराम मिश्रा, प्रो अवधेश कुमार, अनिल शंकर ठाकुर, वीरेंद्र राय, रविंद्र प्रसाद सिंह, अमरेंद्र ठाकुर, शाहिद कमाल, प्रभात कुमार, विनय कुमार प्रशांत, अच्युतानंद किशोर नवीन, प्रो नीलिमा झा, प्रो संजय सुमन, प्रो रमेश गुप्ता, प्रो सौरभ राज, प्रो जय कांत जय, प्रो बृजेन्द्र झा, सोनू सरकार, डॉ राकेश कुमार सिंह, अरविंद वरुण सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे.
कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वर्गीय जानकी शरण सिन्हा के चित्र पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई.