अनसूचित जाति में पान समाज की वापसी तक जारी रहेगा आंदोल
मुजफरपुर : अखिल भारतीय पान महासंघ की ओर से रविवार को मुजफ्फरपुर कलस्टर के सीतामढ़ी , शिवहर, वैशाली व मुजफ्फरपुर के पान समाज के लोगों की विशाल रैली सकरी सरैया तुर्की फोर लेन के पास आयोजित की गयी। पान, तांती, ततवा समाज के लोगों ने इस समाज के अनुसूचित जाति में वापसी और समाज को राजनीतिक भगीदारी दिलाने का संकल्प लिया। इस मौके पर अखिल भारतीय पान महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ई आई पी गुप्ता ने कहा कि यह आंदोलन और हांको रथ हम पान हैं कार्यक्रम उनके समाज के बच्चों के भविष्य व समाज के युवाआों को राजनीतिक भागीदारी दिलान के लिए है । यह तबतक जारी रहेगा जबतक इस समाज को एससी में आरक्षण वापसी नहीं हो जाता है और हमारे समाज के लोगों को राजनीतिक भागीदारी नहीं मिल जाती।
जातीय जनगणा में बांटकर कम दिखाया
उन्होंने कहा कि हमारे समाज की प्रदेश में आबादी 80 लाख है और जातिगत गणना में उसे अलग-अलग बांटकर कम दिखाया गया है। उनका कार्यक्रम 17 को जयनगर और 24 नवंबर को दरभंगा में होगा। साथ ही मार्च महीने में गांधी मैदान में बड़ी रैली होगी जिसमें समाज के सभी वर्ग के लोग बड़ी संख्या में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा आरक्षण की वापसी के कारण समाज के कई बच्चे मेडिकल व इंजीनियरिंग में नामांकन नहीं ले सके और कई की नौकरी छूट गयी। अगर सरकार इस समाज की हितैशी होती तो वह केन्द्र सरकार पर आरक्षण वापसी के लिए अध्यादेश लाने का दवाब देती या सुप्रीम कोर्ट में रिभ्यु पिटीशन देती मगर सरकार ने ऐसा न कर हमारे समाज की उपेक्षा की। उन्होंने कहा कि हमारी आवाज उठाने के लिए चारो सदन में से कहीं भी हमारा प्रतिनिधि नहीं है जबकि हमारी आवादी 150 विधनसभा क्षेत्रों में 5 से 75 हजार तक है। इसलिए हमारे समाज को एकजुट रहने का संकल्प लेकर अपनी आवाद का बुलंद करना होगा।
कार्यक्रम का संचालन समाज के नेता शंकर दास ने किया। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष सकलदेव दास, जेपी सेनानी विषुनदेव दास, मुजफ्फरपुर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, सीतामढ़ी अध्यक्ष रामकृपाल दास, वैशाली अध्यक्ष उमेश कुमार अकंटक, शिवहर अध्यक्ष लालबाबू दास, युवा अध्यक्ष दिनेश दास, शशिभूषण दास, सुरेन्द्र दास, महिला अध्यक्ष हीरामपी देवी, गायिका इंदु कुमारी, पूनम कुमारी सहित सैकड़ो पान समाज के नेताओं ने संबोधित किया। इससे पूर्व महारैली में समाज के नेता स्व रवीन्द्र तांती व अन्य विभूतियों को श्रद्धांजलि दी गयी और राष्ट्रगीत के साथ प्रेरक गीत गाये गये।