Tuesday, May 21 2024

डीएम ने किया स्थापना शाखा का निरीक्षण तो कई कमियां आई सामने, 32 सालों से नहीं हुआ था निरीक्षण

FIRSTLOOK BIHAR 23:20 PM बिहार

मुजफ्फरपुर : जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर डॉ चंद्रशेखर सिंह द्वारा आज स्थापना शाखा का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के क्रम में स्थापना उप समाहर्ता को कई आवश्यक निर्देश दिया। बताया गया कि स्थापना शाखा का निरीक्षण इसके पूर्व 1986 में तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा किया गया था उसके बाद 1981में जिलाधिकारी के द्वारा एवं 1988 में कार्यालय अधीक्षक के द्वारा किया गया था।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि स्थापना उप समाहर्ता और कार्यालय अधीक्षक के द्वारा वर्ष में कम से कम एक बार नियमित रूप से कार्यालय का निरीक्षण करना सुनिश्चित किया जाए।

कुल पद के आधे कर्मचारी ही कार्यरत

निरीक्षण के क्रम में बताया गया कि लिपिक, चालक, जनसेवक, कार्यालय परिचारी मिलाकर कूल 1006 पद के विरुद्ध 510 कर्मी कार्यरत हैं जबकि 496 पद रिक्त हैं। लगभग 50 प्रतिशत के स्ट्रेंथ पर स्थापना शाखा द्वारा कार्य किया जा रहा है।सभी रिक्तियों के विरुद्ध बहाली के लिए विभाग को लिखा गया है। कार्यरत बल की संख्या कम होने के कारण कार्यों का स-समय निष्पादन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

निरीक्षण के क्रम में बताया गया कि एक पदाधिकारी एवं लिपिक संवर्ग के कुल 8 कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। इसमें से तीन में सुनवाई के बाद संचालन अधिकारी (अपर समाहर्ता विभागीय जांच)का प्राप्त हो चुका है जिसके विरोध में दंड अधिरोपण की प्रक्रिया की जा रही है। शेष 05 के मामले में अपर समाहर्ता द्वारा विभागीय जांच को निर्देश दिया गया है कि विभागीय कार्रवाई का निष्पादन स-समय करना सुनिश्चित करें।

नाजिर से 20 लाख वसूली का निर्देश

निरीक्षण के क्रम में यह बात सामने आई कि 2016 में तत्कालीन गायघाट प्रखंड के नाजिर पंकज कुमार पेंशन वितरण के लिए बैंक से 2000000 रुपए की राशि निकासी कर ला रहे थे।इस क्रम में रास्ते में ही राशि की लूट हो गई थी। उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू की गई थी एवं प्रथमिकी भी दर्ज की गई थी। विभागीय कार्रवाई के तहत उन्हें दोषी पाया गया। उनका आचरण संदिग्ध पाया गया।मालूम हो कि 2018 में ही विभागीय कार्रवाई पूरी हो चुकी थी परंतु दंड अधिरोपण की प्रक्रिया अभी तक लंबित होने के कारण जिलाधिकारी ने नाराजगी प्रकट करते हुए निर्देश दिया कि 3 दिन के अंदर दंड अधिरोपित किया जाय।साथ ही राशि की वसूली की कार्रवाई करना सुनिश्चित किया जाए।

जिलाधिकारी ने कहा कि सभी कार्यालय प्रधान वर्ष में दो बार अपने कार्यालय का कार्यालय का निरीक्षण करना सुनिश्चित करें।

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