Friday, May 17 2024

सीतामढ़ी डीएम ने चर्म उद्योग से जुड़े प्रवासी मजदूरों को किया प्रोत्साहित, हर संभव सहयोग का दिया आश्वासन

FIRSTLOOK BIHAR 20:08 PM बिहार

सीतामढ़ी : सीतामढ़ी डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने कोरोना काल में विभिन्न राज्यो से लौटे कुशल श्रमिको को अपने ही राज्य एवं जिले में रोजगार करने की योजना में बेहतर काम करने को लेकर प्रोत्साहित किया। सीतामढ़ी जिला में डीएम के पहल पर नव प्रवर्तन क्लस्टर योजना के तहत पाँच चयनित क्लस्टर में से चार क्लस्टर में कार्य शुरू हो चुका है। इससे जिले के कई श्रमिकों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार से जोड़ा गया है,साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से भी कई लोग लाभान्वित होंगे। इस योजना के तहत चमड़े के सामान जूते, चप्पल, बेल्ट, एवं रेडीमेड क्लस्टर शुरू किए गए हैं। कुशल एवं हुनरमंद प्रवासी श्रमिक को अपने जिले में रोजगार से जोड़ कर आत्म निर्भर बिहार बनाने की दिशा में शुरू किए गए प्रयास का सकरात्मक परिणाम सामने आने लगा है।

डीएम ने कार्यालय में बुलाकर हौसला अफजाई की

आधुनिक मशीन से स्वयं अपने हाथों से ही स्थानीय उत्पाद बनाकर कलस्टर से जुड़े मजदूरों की खुशी, उनके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी। जिलाधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा द्वारा आज समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में बथनाहा प्रखंड के डायन छपरा में चल रहे चर्म उद्योग से संबंधित क्लस्टर में कार्य कर रहे प्रवासी श्रमिको को बुलाकर उनके उत्पाद की गुणवत्ता एवं बाजार की उपलब्धता आदि के संबध में व्यापक विचार विमर्श किया गया। उन्होंने उन्हें प्रोत्साहित करते हुए कहा कि उन्हें आगे भी हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। उनके द्वारा निर्मित जूते, चप्पल, पर्स, बेल्ट आदि सामग्रियों का भी जिलाधिकारी ने अवलोकन किया।

डीएम ने जरदोजी पंजाबी जुती बनाने का दिया सलाह

चर्म उद्योग कलस्टर से जुड़े प्रवासी श्रमिक अवधेश राम, छोटेलाल राम आदि से मिलकर उनके कार्यों की जिलाधिकारी ने जमकर तारीफ भी किया। उन्होंने उनसे जरदोजी पंजाबी जुती बनाने की सलाह भी दिया, ताकि ग्राहक को अच्छी गुणवत्ता वाली नई उत्पाद मिल सके। जिलाधिकारी ने वहां उपस्थित डीडीसी को भी प्रवासी श्रमिकों को हर संभ सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

डीएम के प्रयास का दिखने लगा सकारात्मक प्रभाव

गौरतलब हो कि जिलाधिकारी के निर्देशन में बाहर से आये श्रमिक के दक्षता के आधार पर उनकी सूची बनाई गई थी, ताकि उनकी कार्य दक्षता के आलोक में उन्हें स्वरोजगार या रोजगार से जोड़ने हेतू कार्य किया जा सके। उसी सूची के आधार पर इच्छुक श्रमिकों को अपने ही घर मे रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर जिला प्रशासन के प्रयास का सकरात्मक प्रभाव अब दिखने लगा है।

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