Friday, May 17 2024

जमीन का मुआवजा नहीं मिलने से आक्रोशित किसानों ने मुजफ्फरपुर में छह घंटे तक चार अभियंताओं को बंधक बनाया

FIRSTLOOK BIHAR 22:01 PM बिहार

1982 में हुआ था भूमि अधिग्रहण

मीनापुर ( मुजफ्फरपुर ) : बांध निर्माण को लेकर 39 वर्षों से जमीन का मुआवजा नहीं मिलने से मुजफ्फरपुर के मीनापुर चांदपरना गांव के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. अपने जमीन की मुआवजा को लेकर 39 साल से इंतजार कर रहे और लगातार अधिकारियों व सरकार से गुहार लगाते आ रहे 100 से अधिक किसान परिवारों का आक्रोश इस तरह रविवार को फूट पड़ा कि जलसंसाधन विभाग के अभियंताओं को छह घंटे तक बंधक बनाकर रखा. बंधक बने अभियंताओं में जलसंसाधन विभाग के एसडीओ बेचन झा,कनिय अभियंता सुनील कुमार,अभिषेक कुमार नक्सा बाबू संजय कुमार शामिल थे.

मुआवजा मिलने तक रखेंगे बंधक

1982 में हुए जमीन अधिग्रहण के बाद से ही सभी किसान लगातार मीनापुर से लेकर पटना तक चक्कर लगा रहे हैं. जिसको लेकर किसानों ने जलसंसाधन विभाग के कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन का निर्णय लिया. इस संबंध में डीएम को आवेदन देते हुए 11 फरवरी से धरना पर बैठने का निर्णय लिया. जिसको लेकर अभियंताओं की टीम रविवार को किसानों को मनाने पहुंचे. अधिकारियों की टोली को देखते हुए गुस्साए किसानों ने सभी को घेरकर बंधक बना लिया. किसानों का कहना था कि जबतक मुआवजा नहीं मिलेगा तबतक किन्ही को जाने नहीं देंगे. आक्रोशित किसान किसी भी कीमत पर अभियंताओं को मुक्त करने को तैयार नहीं हो रहे थे. अभियंताओं की टीम को जबरदस्त आक्रोश का सामना करना पड़ा.बाद में जलसंसाधन विभाग के वरीय अधिकारिओं ने फोन पर बात कर किसानों को आश्वासन दिया. जिसके बाद बंधक बने अभियंताओं को छह घंटे बाद मुक्त किया गया . बताया जाता है कि चांदपरना गांव में बूढ़ी गंडक नदी से बचाव के लिए बांध निर्माण के लिए 105 किसानों से नौ एकड़ 69 डी. जमीन 1982 में अधिगृहित किया गया था . उस समय किसानों को जमीन का मुआवजा जल्द देने का आश्वासन दिया गया था .

डीएम से लेकर सीएम तक लगा चुके हैं गुहार, फिर भी नहीं मिला मुआवजा

इस बीच किसान संबंधित विभाग के अलावे डीएम, सीएम, विभागीय मंत्री से मिलकर गुहार लगाने के साथ साथ कई बार धरना प्रदर्शन भी किया .विभाग द्वारा जमीन का भौतिक सत्यापन करा लेने के वाबजूद आश्वासन के सिवा आजतक किसानों को एक रुपया तक नहीं मिल पाया .

2019 के दिसम्बर में किसानों ने बाढ़ नियंत्रण कार्यालय पर धरना दिया था . 06 महीने के अंदर मुआवजा भुगतान के आश्वासन पर किसानों ने धरना समाप्त किया . साल भर बीतने पर भी किसानों को सिर्फ निराशा ही हाथ लगी.

कार्यालय से धक्का मार भगाने से गुस्से में थे किसान

किसानों ने कार्यपालक अभियंता नीरज कुमार से इसकी शिकायत की .किसानों का आरोप है कि शिकायत सुनने के बदले कार्यालय से धक्का मारकर निकाल दिया गया .इस दुर्व्यवहार से मर्माहत किसानों ने पुनः 11 फरवरी से कार्यालय पर मुआबजा मिलने तक अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया. किसानो के इस निर्णय के बाद जलसंसाधन विभाग के अभियंताओं की बेचैनी बढ़ गयी जिसको लेकर आज सभी अभियंता किसानों को मनाने पहुंचे थे.

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