मुजफ्फरपुर : एक तरफ किसान नये कृषि बिल को लेकर महिनों से आंदोलन कर रहे हैं। वहीं आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत किसानों में खेती को लेकर उत्साह और जोश भर रहे हैं। मोहन भागवत बिहार के पांच दिवसीय यात्रा के क्रम में आज मुजफ्फरपुर जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र औराई प्रखंड के राजखंड गांव पहुंचे। वहां के किसान गोपाल शाही द्वारा की जा रही जैविक खेती को देखा। वहां मोहन भागवत का भव्य स्वागत भी हुआ। उनके ऊपर फूल बर्साये गये और उनकी आरती भी की गई। वहां उपस्थित किसानों में खेती को लेकर उन्होंने उत्साह बढ़ाते हुए संघ प्रमुख ने भारत की खेती की इतिहास पर भी चर्चा की। मोहन भागवत ने किसानों को बताया कि दुनिया के किसी भी देशों में इतनी पुरानी खेती नहीं है। भारत 10 हजार वर्षों से खेती करते आ रहा है।
औराई से लौटने के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत मुजफ्फरपुर कलमबाग स्थित मधुकर निकेतन का लोकार्पण किया। लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए संघ के दायित्वों पर भी चर्चा की। संघ प्रमुख ने कहा कि संघ में समर्पित स्वयंसेवक अपनी इच्छाओं तक नहीं रखते, स्वार्थ तो दूर ही रहा,कि, हमें ये दो, अथवा मैं ये करूँ। संघ ने जो बताया है, वो करना है।
औराई के राजखंड में किसान व ग्रामीणों को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि भारत के किसानों पर वर्तमान में अपने देश के अलावा दुनिया के पेट भरने के उपकार की जिम्मेदारी है . किसान कृषि को सिर्फ पेट भरने का साधन नहीं समझें, कृषि में वह ताकत है कि इसके बल पर दुनिया के हर चीज को हासिल किया जा सकता है.
मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया के किसी भी देश में इतनी पुरानी कृषि पद्धति नहीं है जितनी पुरानी हमारे देश में पुरातन काल से ही हम लोग खेती पर निर्भर हैं, हमारे यहां ना कभी पर्यावरण की हानि हुई ना ही कोई जमीन की हानि हुई .
दूसरे देशों में उनकी कृषि पद्धति से जमीन बंजर हो चुकी है, 3 साल फसल उपजाने के बाद 2 साल खेतों को खाली रखना पड़ता है .
अभी हम आत्मनिर्भर भारत की बात कर रहे हैं, कुछ विषयों में तो हमारा स्वयं का ज्ञान है जिससे हम आज की दुनिया को पीछे छोड़ेंगे. मुझे बड़ा आनंद हुआ की कृषि के साथ फसल बोना, फसल उगाना, फसल काटना, फसल की उपज का व्यापार भी ठीक से हो उसकी व्यवस्था करना, उसका सही तरीके से नियोजन करना, सभी ओर से कृषि के कार्य को केवल प्रेम से समाज के लिए, देश के लिए आज भी हमने यहां जीवित देखा . आप सब लोगों का अनुभव रहा तो आने वाले 20 वर्षों में सारी दुनिया हम लोगों से सीखेगी.
भागवत ने कहा कि मैं स्वयं एक पशु चिकित्सक हुं, मैं उन्हीं का शास्त्र पढ़ा हूं, जानवरों के बारे में भी, लेकिन जानवरों के बारे में भी हमारा शास्त्र और भी प्राचीन है .
हमारी शास्त्र भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाले सारे तरीके आप लोगों के पास जीवंत है, उसकी मांग होने वाली है और आपके सारे कष्ट भी दूर होने वाले हैं, मेरे पास जो है उसके बलबूते सब लोग दुनिया के सिरमौर बनेंगे और भारत सबको ज्ञान देगा .
आध्यात्मिक ज्ञान तो संत महात्मा देंगे लेकिन जीवन कैसे जिया जाता है कर्म के साथ और पेट को भी ठीक से भरते हुए यह जो प्रपंच की कला है, परमार्थ को ध्यान में रखते हुए वह कला देने का आप लोग काम करेंगे.
इसके पूर्व संघ प्रमुख देवती जैविक उद्यान पहुंचे और मत्स्य पालन एवं मिश्रित खेती तथा बागवानी को देखा. इसके पूर्व मुजफ्फरपुर सांसद अजय निषाद, भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रामसूरत कुमार, भाजपा मंडल अध्यक्ष हरीओम कुमार, गुड्डू साह सहित अन्य लोग देवबती उद्यान पहुंच चूके थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता व संचालन गोपाल शाही ने किया .
कार्यक्रम में प्रांत प्रचारक रामकुमार ,क्षेत्र प्रचारक रामदत्त चक्रधर, सह क्षेत्र प्रचारक रामनौमी,मनोज,ललित कुमार, कैलाश जी,अजय कुमार, जय प्रकाश यादव,अभय गर्ग,चंद्रमोहन खन्ना, उमेश यादव समेत कई गण्यमान्य लोग थे.