Monday, May 20 2024

मुजफ्फरपुर नगर निगम के मेयर पद का चुनाव कराने की उठी आवाज

FIRSTLOOK BIHAR 18:01 PM बिहार

वार्ड पार्षद नंदकुमार साह के नेतृत्व में डिप्टी सीएम से मिलकर पार्षदों ने सौंपा पत्र

मुजफ्फरपुर नगर निगम के पूर्व महापौर सुरेश कुमार पर करीब दो माह पहले लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के बाद उन्हें पदच्युत तो कर दिया गया, लेकिन अब तक नये महापौर का चुनाव कराए जाने का मामला अभी भी पेंचो व लापरवाही में फंसा हुआ है। इसको लेकर रविवार को निगम पार्षदों का एक शिष्टमंडल मुजफ्फरपुर पहुंचे उप मुख्यमंत्री सह नगर विकास एंव आवास मंत्री बिहार सरकार तारकिशोर प्रसाद से मिल कर आवेदन सौंपा ।

उप मुख्य मंत्री को सौंपे में बताया गया है कि मुजफ्फरपुर नगर निगम के महापौर के विरूद्ध अविश्वास पिछले 24 जुलाई को ही पारित हो गया और वर्त्तमान में महापौर का पद रिक्त है। अतिवृष्टि के कारण नगर निगम के पूरे क्षेत्र में जलजमाव है। मुख्य सड़कों से लेकर गली मुहल्लों तक की स्थिति जलजमाव के कारण खराब है।जिससे मुजफ्फरपुर नगर निगम क्षेत्र की जनता को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। कूड़े का उठाव न होने तथा जमा पानी के सड़ जाने के कारण महामारी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। वर्षा के कारण सड़को पर बड़े-बड़े गड्ढे बन जाने के कारण प्रतिदिन दुर्घटना हो रही है।

महापौर का पद रिक्त रहने के कारण स्थायी समिति भी अस्तित्व में नहीं है। जिसके कारण समस्याओं के निदान को लेकर समुचित निर्णय लेने एवं वित्तीय स्वीकृति देने में कठिनाई हो रही है । इन कारणों से समस्या विकराल रूप लेती जा रही है। स्थिति यह है कि शहर वासियों को जीवन जीना कठिन हो गया है।

मुजफ्फरपुर नगर निगम के नगर आयुक्त के द्वारा 24 जुलाई को ही राज्य निर्वाचन आयोग, पटना के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को महापौर के विरूध अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाने के फलस्वरूप महापौर के रिक्त हुए पद पर नये महापौर के चुनाव की तिथि निर्धारित करने के संबंध में पत्र प्रेषित कर दिया गया था। परन्तु दो माह बीत जाने के बाद भी अभी तक महापौर के रिक्त पद पर चुनाव हेतु तिथि निर्धारण की कोई भी सूचना निर्गत नहीं हुई है । जबकि बिहार नगरपालिका अविश्वास प्रस्ताव प्रक्रिया नियमावली 2010 के नियम संख्या 2 ( 1X) के अनुसार महापौर-उपमहापौर के रिक्त पद की सूचना राज्य निर्वाचन आयोग को प्रतिवेदित करने के 30 दिनों के अन्दर रिक्त पद पर चुनाव कराना बाध्यकारी है। परन्तु मुजफ्फरपुर नगर निगम के पूर्व महापौर के विरूध अविश्वास प्रस्ताव हेतु बुलायी गयी बैठक के संबंध मे राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 49 जो निम्नलिखित है:- बैठक कि सूचना तथा कार्यो कि सूचि-नगरपालिका की प्रत्येक बैठक मे सिवाय स्थगित बैठक के किये जाने वाले कार्यो कि सूचि रजिस्ट्रीकृत पते पर एैसी बैठक के लिये नियत समय से कम से कम 72 घंटे पूर्व प्रत्येक पार्षद को भेजी जायेगी तथा जिस कार्य कि सूचना दी गयी हो उससे भिन्न कोइ कार्य बैठक मे ना तो लाया जाए और ना निष्पादित किया जाए।

धारा 377 (घ) जो निम्न प्रकार है

किसी अन्य मामले मे यदि दस्तावेज किसी व्यक्ति को संबोधित हो और तामील कराया जाना हो तो उसे दिया या निविदत किया जायेगा या यदि एैसे व्यक्ति का पता नही लग पाता है, तो उसके आवास या कारोबार के अंतिम ज्ञात स्थल के सहजदृश्य भाग पर चिपका दिया जायेगा। यदि नगर पालिका क्षेत्र के भीतर कोइ हो, जो इससे सम्बन्धित हो, को अथवा उसके परिवार के व्यस्क सदस्य को दे दिया जायेगा या निविदत किया जायेगा अथवा भूमि या भवन, के सहज दृश्य भाग पर चिपका दिया जायेगा या ऐसे व्यक्ति को रजिस्ट्रीकृत डाक से भेजा जायेगा परन्तु राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा उपरोक्त दोनो धाराओं की गलत विवेचना करते हुए गलत तथ्यों का आधार लेते हुए नये महापौर के चुनाव की तिथि का निर्धारण नही करना स्थापित भारतीय नियम, विधि एवं संविधान विरोधी है। यहाँ यह भी उल्लेख करना उचित होगा कि जिन पार्षदों को 72 घंटे पूर्व सूचना नही प्राप्त होने की बात राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा उठाया जा रहा है वे सभी पार्षदगण अविश्वास प्रस्ताव पारित होने वाली बैठक में उपस्थित थें। इस संबंध मे राज्य चुनाव आयोग द्वारा उठाये गये सभी आपत्तियों के संर्दभ मे मुजफ्फरपुर नगर निगम के नगर आयुक्त द्वारा समुचित स्पष्टीकरण बहुत दिन पूर्व 06 अगस्त को ही भेजा जा चुका है। अतएव उपरोक्त परिस्थितियों की ओर आपका ध्यान आकृष्ट करते हुए निवेदन है कि मुजफ्फरपुर नगर निगम के रिक्त महापौर पद पर अतिशीघ्र चुनाव कराने की दिशा में आवश्यक कार्रवाई हेतु कदम उठाने का निर्देश दें । जिससे भारतीय संविधान में नागरिकों के आस्था की रक्षा हो सके।

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