Tuesday, May 21 2024

अब मोबाइल एप्प से एमडीए की होगी डेली रिपोर्टिंग

FIRSTLOOK BIHAR 17:25 PM बिहार

एमडीए की सफ़लता के लिए राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ आयोजन

पटना: देशभर में 10 अगस्त से एमडीए कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है. राज्य में आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल के मद्देनजर फ़िलहाल एमडीए को आगे बढ़ाया गया है. वहीं, राज्य एमडीए राउंड को चलाने के लिए सारी तैयारियों पर विशेष बल दे रहा है. इस बार के एमडीए को सफ़ल एवं प्रभावी बनाने के लिए एमडीए की डेली मॉनिटरिंग पर विशेष बल दिया जाएगा. इसके लिए मोबाइल एप्प बनाया गया है, जिसके जरिए एमडीए के दौरान डेली रिपोर्टिंग सुनिश्चित की जाएगी. उक्त बातें फाइलेरिया के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने गुरूवार को एमडीए की सफ़लता के लिए राज्य स्तर पर आयोजित कार्यशाला के दौरान कही. उन्होंने कहा कि एमडीए को सफ़ल बनाने के लिए डीसीएम एवं बीसीएम की अहम भूमिका है. कार्यशाला में उपस्थित 11 जिलों के डीसीएम एवं बीसीएम से भी एमडीए के दौरान सहयोग करने की अपील की.

11 जिलों में चलेगा एमडीए कार्यक्रम

डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने कहा कि 10 फ़रवरी 24 जिलों में एमडीए कार्यक्रम किया गया था. वहीं 10 अगस्त से शेष 14 जिलों में एमडीए चलाने का निर्णय लिया गया था. हाल ही में इन सभी 14 जिलों में नाईट ब्लड सर्वे किया गया, जिसमें 14 जिलों में 3 जिले( अररिया, किशनगंज एवं मधेपुरा) में माइक्रोफाइलेरिया दर 1 से कम आया है. इसे ध्यान में रखते हुए इन 3 जिलों को छोड़कर अब शेष 11 जिलों में ही एमडीए राउंड चलाया जाएगा. जिसमें भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, लखीसराय, मधुबनी, नालंदा, नवादा, पटना, पूर्णिया, रोहतास एवं समस्तीपुर जिले शामिल हैं.

पहली बार 17 दिनों तक खिलाई जाएगी दवा:

विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्टेट एनटीडी कोऑर्डिनेटर डॉ. राजेश पांडेय ने विस्तार से एमडीए रणनीति पर चर्चा की. डॉ. पांडेय ने कहा कि इस बार के एमडीए में पहली बार बूथ निर्माण कर लोगों को दवा खिलाना सुनिश्चित किया जाना है. उन्होंने कहा कि बूथ का निर्माण आँगनबाड़ी, स्कूल, पंचायत, पीएचसी, सीएचसी सहित मेडिकल कॉलेज पर आयोजित होगा. बूथ रणनीति के तहत पहले 3 दिन तक बूथ लगाकर एवं इसके बाद 14 दिनों तक घर-घर जाकर दवा खिलाई जाएगी. इस तरह अब 14 दिनों की जगह 17 दिनों तक सभी लोगों को दवा खिलाई जाएगी. उन्होंने कहा कि इस बार के एमडीए राउंड में मार्कर पेन का इस्तेमाल किया जाएगा. जिसमें सभी दवा खाने वाले लोगों की ऊँगली पर निशान लगाया जाएगा. इसके लिए सभी ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कराने वाली टीम को मार्कर पेन उपलब्ध कराया गया है.

मोबाइल एप्प से डेली मॉनिटरिंग होगी मजबूत:

पिरामल स्वास्थ्य के सहयोग से इस बार एमडीए राउंड में डेली रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए मोबाइल एप्प बनाया गया है. इस विषय पर जानकारी देते हुए पिरामल स्वास्थ्य के स्टेट वेक्टर बोर्न लीड विकास कुमार सिन्हा ने बताया इस बार के एमडीए की डेली रिपोर्टिंग मोबाइल एप्प के जरिए होगी. ब्लाक कम्युनिटी मोबिलाइजर एमडीए के दौरान प्रतिदिन इसी मोबाइल एप्प से डेली रिपोर्टिंग करेंगे. साथ ही जिला स्तर से राज्य स्तर तक इसकी मॉनिटरिंग भी की जाएगी. गुणवत्तापूर्ण रिपोर्टिंग पर जोर: फाइलेरिया के राज्य सलाहकार डॉ. अनुज सिंह रावत ने एमडीए कार्यक्रम की गुणवत्तापूर्ण रिपोर्टिंग एवं दस्तावेजीकरण की आवश्यकता एवं महत्ता पर विस्तार से जानकारी दी. साथ ही उन्होंने सभी एमडीए के 11 जिलों से ससमय रिपोर्टिंग करने की अपील की.

आशा सेल के टीम लीड प्रणय ने आशा सेल एवं फाइलेरिया सेल के मध्य समन्वय पर चर्चा किया. इस दौरान राज्य के 11 एमडीए जिलों से डीसीएम, बीसीएम एवं वेक्टर बोर्न सलाहकार, विश्व स्वास्थ्य संगठन के जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ. दिलीप, डॉ. माधुरी एवं डॉ. अरुण, पिरामल स्वास्थ्य से परिमल झा एवं बासब रुज, पीसीआई से अमरेश एवं सीफ़ार के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी रणविजय एवं रंजीत सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए.

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